शस्त्र का ज्ञान तभी तक काम आएगा जब तक वह चल रहा है लेकिन ‘शास्त्र’ का ज्ञान कभी रुकता नहीं चाणक्य ने उक्त कथन ठीक ही कहा है !
मैं ऐसा मानता हूं कि एक सामान्य जिंदगी जीने के लिए रोटी कपड़ा और मकान के अलावा अगर किसी चीज की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो वह है शिक्षा यह शिक्षा ही है जो आपको सामान्य व्यक्ति से अलग करती है !
मैं अगर आप से यह पूछूं कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति कौन है तो कोई कहेगा, कि जिसके पास पावर है, शस्त्र है, धन है या किसी देश का राजा या किसी सल्तनत का बारिश है लेकिन मेरा ऐसा मानना है कि शस्त्र धन किसी को शक्तिशाली नहीं बनाते और अगर बनाते भी हैं तो कुछ समय के लिए ही बनाते हैं दौलत आज होगी कल नहीं शस्त्र का ज्ञान तभी तक काम आएगा जब तक वह शस्त्र चला सकता है समय का क्या पता आज आप राजा हैं तो कल रक, शास्त्र अर्थात ज्ञान का प्रभाव आप को अमर बना सकता है आपने देखा होगा कि भारत में कई राजाओं ने अपने बल और शस्त्र से एक छत्र राज्य किया, लेकिन आज उनको कोई याद नहीं करता ! विश्व में कई ऐसे विद्वान हुए जिन्होंने अपने ज्ञान से आज भी दुनिया को रोशन कर रखा है जैसे अल्बर्ट आइंस्टाइन, शेक्सपियर, रविंद्र नाथ टैगोर यह वे हैं जिनसे पूरी दुनिया प्रेरणा लेती है ज्ञान का धनी व्यक्ति हमेशा ही सम्मान और आदर योग्य होता है क्योंकि ज्ञान वह कवच है जो आपके जीवन में आने वाली कठिनाइयों से आपकी रक्षा करता है फिर शस्त्र की आपको आवश्यकता नहीं होगी!
भगवत गीता में कृष्ण मुख से निकले ज्ञान के वे शब्द जो आज भी व्यक्ति को अपने सार्थक जीवन के बारे में बतलाते हैं वह ज्ञान ही था जिसकी प्राप्ति कर अर्जुन ने उचित-अनुचित को पहचाना वह ज्ञान ही था जिसे धर्म और अधर्म का भेद बताया वह ज्ञान ही था जिसमें रामचंद्र भगवान को 14 वर्ष का वनवास होने पर भी भरत द्वारा राज सिंहासन ग्रहण नहीं किया गया क्योंकि भरत को ब्रह्मचर्य काल में जिस ज्ञान की प्राप्ति हुई उसने उन्हें उचित- अनुचित, धर्म -अधर्म, करुणा- श्रद्धा, त्याग का भाव विकसित हुआ |
ज्ञान के अभाव में मनुष्य एक पशु के समान है जिसे सही- गलत और अपने जीवन का अर्थ पता नहीं होता वर्तमान समय में अगर किसी व्यक्ति का प्रभाव देखा जाता है तो वह उसके ज्ञान के आधार पर ही होता है फिर चाहे उसके पास धन हो या ना हो शस्त्र हो या ना हो.
Blog By : Ms. Tripty Saini